मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
1) अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धी से काम न करना।
संकट के समय मनुष्य की अक्ल पर पत्थर पड़ जाते हैं।
2) अपना उल्लू सीधा करना - अपना स्वार्थ देखना।
मदनलाल बडा चालाक है, जब देखो तब अपना उल्लू सीधा करने में लगा रहता है।
3) अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना - स्वयं अपनी हानि करना।
पढाई आधे में छोड़कर राजू ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।
4) आकाश-पाताल एक करना - बहुत परिश्रम करना।
परीक्षा मे अव्वल आने के लिए पूजाने आकाश-पाताल एक कर दिया।
5) आस्तीन का साँप - धोखेबाज मित्र।
विजय से बचकर राहो, वो आस्तीन का साँप है।
6) आँखें भर आना - आँखों में आँसू आना।
माँ को बिमार देखकार सोफिया के आँखें भर आयेl
7) आँखें दिखाना - क्रोध से देखना।
पियुष पढाई छोडकर टीव्ही देखने लगा,तब माँ आँखें दिखाने लगी।
8) आँखों में धूल झोंकना - धोखा देना।
चोर पुलीस के आँखों में धूल झोककर भाग गया।
9) ईंट से ईंट बजाना - बुरी तरह से नष्ट करना।
शिवाजी महाराज ने मुगलों के किलों की ईंट से ईंट बजा दी।
10) ईद का चाँद होना - बहुत कम दिखाई देना।
नौकरी लगन के बाद अजय तो ईद का चाँद हो गया है।
11) काँटे बिछाना - दूसरे के काम में बाधाएँ उत्पन्न करना।
आपने फायदे के लिए रमेश हमेशा दूसरों के लिए काँटे बिछाता है।
12) खुशी का ठिकाना न रहना - अत्यंत खुशी होना।
परीक्षा में अव्वल आने पर नेहा के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
13) गले का हार होना- बहुत प्यारा होना।
जिक्रा अपने गुणों के कारण सबके गले का हार बनी हुई है।
14) चकमा देना - धोखा देना।
चोर पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
15) चेहरा तमतमा उठना - बहुत क्रोधित होना।
लोगोंका बचपना देखकर निशा का चेहरा तमतमा उठा।
16) चौकन्ना होना - सावधान होना।
रात को किसी की आहट सुनकर कुत्ता चौकन्ना हो गया।
17) जान पर खेलना - प्राणों की परवाह न करना।
सैनिक अपनी जान पर खेलकर मातृभूमि की रक्षा करते हैं।
18) टका सा जवाब देना - साफ इनकार करना।
पिताजी ने रोशन को पढ़ाई छोड़कर काम करने को कहा तब रोहनने पिताजी को टका सा जवाब दे दिया।
19) तिल का ताड़ बनाना - किसी छोटी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताना।
सम्यक को हमेशा तिल का ताड़ बनाने की आदत है।
20) तेवर तीखे होना - गुस्सा होना।
पढ़ाई पूरी न होने के कारण माँ के तेवर तीखे हो गए।
21) दीवारों के भी कान होना- किसी गोपनीय बात के फैल जाने का खतरा होना
महत्वपूर्ण बाते हमेशा धीरे बोलो, ता की दीवारों के भी कान होते हैं।
22) कान खड़े होना – सचेत होना।
बिल्ली की आवाज सुनकर चुहे के कान खड़े हो गए।
23) कमर टूटना – हिम्मत हरना।
आपने बेटे की हार देखकर हिरालाल की कमर टूट गयी|
24)एक हाथ से ताली नहीं बजती – झगड़ा एक ओर से नहीं होता।
दोस्तों के बीच हुई लढाई देखकर लोग एक एक हाथ से ताली नहीं बजती ऐसा कहने लगे ।
25) इज्जत मिट्टी मे मिलाना - मान मर्यादा नष्ट करना
विजय ने चोरी कर के आपनी इज्जत मिट्टी मे मिला दी।
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